(तर्ज समक्ष - मन डोले तन डोले)
कार में आओ जीप में आओ करता हूँ इन्तजार।
गुरुजी कर दो बेड़ा पार।। --- टेक
शरणा जब से मिला है गुरुजी आरती पूजा करता हूँ।
भोर उठ कर नाम रटूं मैं चरणों में शीश झुकाता हूँ।।
मन टिकै ना ध्यान लगै ना ये पैनी तलवार। --- १
गली-गली में छवि निहारूँ आप नहीं पधारे हो।
कर्म हीन मैं जन्म-जन्म का फिर भी मुझे अपनाए हो।।
दे दो सहारा मिले किनारा नैया है मझधार। --- २
पल पल मेरी उमरिया बीते कब तक मैं इन्तजार करूँ।
न जाने कब बज जाए घण्टी फिर क्या उपचार करूँ।।
यम राज बुलावे अंगुली उठावे कया उत्तर दूँ सरकार। --- ३
हे योगेश्वर हे हितेश्वर दया की दृष्टि कर दिजो।
शरण आपकी पड़े हैं द्वारे झोली हमारी भर दिजो।।
माफ करो स्वीकार करो सुन लो 'अधम' पुकार। --- ४