बसी वाले के चरागों में सिर हो मेगा फिर ना पुढो कि उस वक्त क्या बात है
चाहूँ कि गुरुका खुदाई मिले ये ना चाहू मुझे बादशाही मिले स्वाक दर की मिले थे इससे बढ़कर बताओ क्या सुन्कदूर मेरा सौगात T
बसी वाले तिर ना
हो गुलामी अगर आली दरबार की खुदाई भी है बादशाही भी है. दासी दर भिखारन बने जिस वक्त फिर ना पूछा कि उस वक्त क्या बात
मेरे गुरुवर बसी वाले के चरनों में सिर फिर पूछा कि हो मेरा उस वक्त क्या बात
र पे डाला है X उनके द्वारे से डेरा फिर ना पूछे कि कैसी मुलाकात है