गुरु जी तेरे चरणों गे विष्णु, शिव सारे तीरय छ शिव शंकरमनी, श्री कृष्ण श्रीराम
तेरे चरणों की रज गुरुवर पावून चुन्दन मेरा हे गुरुवर इस चरण कमल में निरिदिन वंस मेरा गुरु जी तेरे -
बिना पना गुरु के क्षति नहीं है, मति मन्द क्या जानू आपके दर को छोड़ किसी दर ना में पहचानू गुरु र्जा का
बिना ना गुरु इस दुनिया गुरु ज्ञान गुरु र्जा में, कटती लख चौरासी बिना मुक्ति कोना चाहे साधु हो संक्यात सन्यास
अटकी नैया पार लगादे मैं मुर्ख अज्ञानी तेरे दर पडू, छम-छम नाचू बन मीरा दिवानी गुरुजी तेरे