गोबिन्द हुई गोपाल हेर श्री यशोदा लेलाल हेरे ।।
उचारा
निरिदिन यही नाम पुकारा करो सुख-दुख में यही पुकारा करो गोबिंद हरे
जब सुबह स्वैरे इस नाम का प्रम से जाप करो गोविन्द हरे
जिस जिस वक्त रात को सोया कुरो १ इस नाम की माला पिरोया करो. गोबिन्द हर
जब किसी भी दुख समर में पझे इस नाम का फोरन जाप करो गोबिन्द हटे
स्वाशों की तू ये माला बना हर स्वारा-2 में कहता जा
गोबिन्द हुई गोपाल हरे श्री माता यशोदा के लाल हरे ।।