श्री चन्द्र मोडून करतार तुम्हारी महिमा अपरमपार भेद तेरा पाया
रामलाल प्रभु के प्यार, तुमको लोटी कोटी प्रणाम अपने प्यारे भक्तो के के रक्षक हो तुम आठो याम धाम सुखो हो भकणाचर मेरे सर्वाचार भेद तेरा- श्री गन्द्र मोहन
सिद्ध गुला के दीपक हो, सिद्ध योग के उजियारे काट रहे हो भक्तों के ग्रुप हुए हो प्रभु ज्ञानी, हो श्री चन्द्र मोहन प्रभु दानी साक्षात अवतार भेदतेरा --
जप तप करना नहीं आता और ना आवे ध्यान मुले अपनी शरण ले गया ना खाली कोई सवाली आकर तेरे
श्री चन्द्र झोटन और विष्णु और महेश मेरे लिए तो ब्रहमा और श्री राम, श्री कृष्ण तुम्ही, बृहती श्री कृष्ण तुम्ही, शंकर और श्री चन्द्र मोहन तुम्हा और गणेश तुम्ही योग की अमृत चार भेद तेरा-
मुक्ति उसकी निश्चित शरण पार तेरा तेरी जो आता है पा जाने पर भव सागर तर जाता भूवर में नया आप खिवैया बन जाओ करतार भेदे तेरा श्री चन्द्र मोहन
मोह माया में फांसी हुई, मेरी सारी जिंदूगानी काम श्रोच मए लाभ लिये, फिरता अज्ञानी
गया खाली लोई सवाली आकर तेरे द्वार गैर तेरा कितन पापा का तुने भव सागर से पार-भर तरा